ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है जो की गणित अनुसार पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा पथ और चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा पथ के कटान बिंदु हैं.
मंगल और केतु की युति को ज्योतिष शास्त्र में बेहद ही अशुभ और खतरनाक माना जाता है. इसका संकेत पहले ही मंगल के दे दिया है.
3 अक्टूबर से मंगल तुला राशि में गोचर कर रहे हैं. इसके बाद केतु के साथ संयोग बनेगा. केतु के साथ मंगल का संयोग ने असर भी दिखाना शुरू कर दिया है.
केतु और मंगल की युति समाप्त होने से आपको करियर में शुभ परिणाम मिलना शुरू हो जाएंगे. जो लोग अभी तक पैसों की तंगी से जूझ रहे थे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू हो जाएगा. कारोबार में धन की आवक बढ़ेगी और आपको निवेश के अनुपात में लाभ मिलना आरंभ हो जाएगा.
केतु कन्या राशि में आ जाएंगे और इससे तुला राशि पर बना केतु और मंगल का अशुभ योग समाप्त हो जाने से अबकी पर दिवाली पर तुला और मेष सहित 5 राशियों को देवी लक्ष्मी की कृपा का लाभ मिलेगा.
मेष राशि वालों को मंगल और केतु की युति का अंत होने से विशेष लाभ होने की संभावना है. आपके जीवन में करियर से जुड़े नए अवसर आएंगे. आपके लिए आर्थिक मामलों में सुधार होगा, जो प्लानिंग आपने धन के निवेश को लेकर की थी वो सफलता के नए पायदान को छुएगी.
केतु और मंगल की युति का अशुभ प्रभाव खत्म होने से वृष राशि के लोगों को सौभाग्य की प्राप्ति होगी. आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का स्तर बढ़ता हुआ नजर आएगा. जो काम पिछले काफी समय से रुके पड़े उनके इस वक्त पूरा होने की उम्मीद है. खर्च के साथ ही आपकी कमाई में भी इजाफा होगा. खर्च पर कंट्रोल रखें, वरना आपको आगे चलकर धन की कमी हो सकती है.
आपके लिए व्यापार के नए रास्ते खुल सकते हैं. कठिन परिश्रम करने पर आपको लाभ होगा और आपके जीवन में तरक्की होगी. स्वास्थ्य के लिहाज से यह वक्त आपके लिए थोड़ा सा उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है.