शहीद स्मारक से महाभारत कालीन मंदिर तक, मेरठ में हैं ये घूमने वाली यादगार जगहें

Rahul Mishra
Jul 14, 2024

इतिहास

दिल्ली से लगभग 65 किमी दूर मेरठ शहर अपने में ही एक इतिहास छूपाए है. आज हम आपको इस शहर की कुछ दिलचस्प घूमने की जगहों के बारे में बताएंगे.

सेंट जॉन चर्च

मेरठ शहर का सेंट जॉन चर्च आपको शांती देता है. ये जट्टीवाड़ा, मेरठ में है. यहां आप अपने दोस्तों, पैरेंट्स, या पार्टनर्स के साथ जा सकते है. यह खूबसूरत जगह सुबह 07:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक खुली रहती है. आप यहां जनवरी, फरवरी, मार्च या अप्रैल के समय जा सकते है.

दिगंबर जैन मंदिर

100 साल पुराने इस मंदिर की यह खासियत है कि यहां सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. भगवान पार्श्वनाथ की 7 फीट ऊंची प्रतिमा को रेशम से सजाया गया है. ये सिंचाई कॉलोनी, पल्लवपुरम मेरठ में है. यहां आप अपने परिवार, बच्चों या पार्टनर के साथ जा सकते है. मई, जून का महीना यहां जाने के लिए सबसे बेस्ट है.

विदुर का टीला

यहां जाने के बाद जिन लोगों को महाभारत की कहानी के बारे में नहीं पता है उन्हें पता चल जाएंगा. लोग दूर-दूर से इसे देखने आते है. आप यहां जनवरी, फरवरी, मार्च या अप्रैल के समय आ सकते है. यहां देखने के लिए द्रौपदी की रसोई है जो सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक खुलती है जिसका कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता.

औघड़नाथ मंदिर

मेरठ का औघड़नाथ शिव मंदिर इस शहर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मंदिर है. इस मंदिर में मौजूद शिव लिंग को स्वयं प्रकट माना जाता है. इसका पता है मेरठ कैंट, जहां आप सुबह 06:00 बजे से रात 08:30 बजे तक जा सकते है.

हस्तिनापुर

हस्तिनापुर का महाभारत से बहुत गहरा संबंध है, उस समय की बहुत सारी कहानियां इससे जुड़ी हैं. आप यहां सितंबर, अक्टूबर, नवंबर किसी भी समय आ सकते है.

शहीद स्मारक

मेरठ में सबसे सुंदर और अच्छी तरह से बनाए रखे जाने वाले स्थानों में से एक, शहीद स्मारक 1857 के विद्रोह का एक अभिन्न अंग है. इसका पता है ब्रकु स्ट्रीट मेरठ. यहां आप अपने बच्चों, माता-पिता, पत्नी के साथ घूमने जा सकते है. यह सुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक खुला रहता है.

भोले की झाल

भोले की झाल शहर की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है. इसके पास ही शिव जी का एक मंदिर है, जहां आप सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक जा सकते है.

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