प्रेमानंद जी महाराज के वचन- क्रोध शांत करने का एक उपाय है… यह न सोचकर कि उसका हमारे प्रति कर्तव्य क्या है, यह सोचें कि हमारा उसके प्रति कर्तव्य क्या है.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- हमें प्रभु से सच्चा प्रेम प्राप्त होता है.किसी व्यक्ति से क्या होगा. हमसे कोई व्यक्ति प्यार नहीं सकता क्योंकि वो हमें जान ही नहीं रहा तो कैसे करेगा.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- डरो नहीं, गिरोगे तब भी आगे बढ़ना है, अगर हजार बार गिरोगे तब भी आगे बढ़ना है.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- इस भौतिक संसार में किसी के पास शक्ति नहीं है कि आपको पकड़ सके, आप ही हैं जो पकड़ते हैं आपको ही छोड़ना है.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- प्रभु का नाम जाप संख्या से नहीं बल्की डूब कर करें.
प्रेमानंद जी महाराज के वचन- जिनके मुख में प्रभु के नाम न हों, वो जीवित है परंतु मुख से मरा हुआ है.
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