दरअसल, कोरोना काल के चलते जब अर्थव्यवस्था और बिजनेस प्रभावित हो रहे थे, तब कंपनी हित में मुकेश अंबानी ने स्वेच्छा से अपना वेतन छोड़ दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व एमडी मुकेश अंबानी पिछले तीन साल से बिना सैलरी के काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं मुकेश अंबानी अगले पांच साल तक बिना सैलरी के काम करते रहेंगे.
रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अंबानी का पारिश्रमिक शून्य था. कोरोना की शुरुआत से पहले तक अंबानी को सालाना 15 करोड़ रुपये सैलरी मिल रही थी.
मुकेश अंबानी ने साल 2008-09 से लेकर 2019-20 तक 15 करोड़ रुपये ही वेतन लिया था. अंबानी ने अपना वेतन इसी आंकड़े पर सीमित कर रखा था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज इस बार भी सबसे ज्यादा टैक्स जमा कराने वाली कंपनी बनी हुई है.
31 मार्च 2023 को समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में 1.77 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है.