मुजफ्फरनगर में घूमने की जगह, अर्जुन के पौत्र को यहां मिला श्राप और 5100 साल पुराना अक्षय वट भी

Rahul Mishra
Jul 21, 2024

मुजफ्फरनगर

दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर सबसे अधिक उपजाऊ जमीन के साथ ऊपरी गंगा-यमुना के क्षेत्र में स्थित मुजफ्फरनगर यूपी के सबसे समृद्ध शहरों में से एक है.

NCR का हिस्सा

शहर दिल्ली एनसीआर का एक हिस्सा है. यहां खड़ी बोली जाती है. जो हरियाणवी बोली से मिलती जुलती है.

शुक्रताल

महाभारत काल की यह जगह पांडवों के कुल से जुड़ी है. उनके वंशज का संबंध यहां से जुड़ा है

श्राप

कहा जाता है कि इसी जगह पर राजा परीक्षित को शमीक ऋषि के गले में मृत सांप डालने के कारण उनके पुत्र श्रृंगी ऋषि ने श्राप दिया था.

अक्षय वट वाटिका

यह विशाल पेड़ शुक्रताल में ही स्थित है. अक्षय वट वाटिका एक विशाल बरगद का पेड़ है जो 5100 साल पुराना है, पेड़ की ऊंचाई 150 फीट है.

गणेशधाम

शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर जो कि गणेश जी की 35 फीट ऊंची मूर्ति के लिए लोकप्रिय है.

वहलना

शहर से 4 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गांव है जो वहलना जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है.

भैरों का मंदिर

इस मंदिर में विभिन्न एकादश शिवलिंगों का एक समूह है; जो हिंदू भक्तों के लिए एक विशिष्टता है.

संकीर्तन भवन

संकीर्तन भवन भगवान तिरूपति बालाजी को समर्पित एक मंदिर है. यह मंदिर पूरे उत्तर भारत में भगवान बालाजी का एकमात्र मंदिर है.

जूलॉजी संग्रहालय

मुजफ्फरनगर में जूलॉजी संग्रहालय सनातन धर्म कॉलेज के परिसर में पाया जाता है. इसकी स्थापना 1970 में हुई थी.

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