कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है.
नरक चतुर्दशी के दिन प्रात: काल के समय स्नान करना चाहिए. इस विशेष दिन में उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए.
नरक चतुर्दशी के दिन ताजे पानी से स्नान करके दीप दान करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन इस प्रकार से स्नान करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा मिलता है.
नरक चतुर्दशी के दिन यम की पूजा की जाती है.
नरक चतुर्दशी के दिन पुराने दीपक में सरसों का तेल और पांच अन्न के दाने डालकर घर के किसी कोने में जलाकर रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है.
स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करे, ऐसा करने से मनुष्य द्वारा साल भर किए गए पापों का नाश हो जाता है.
नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है. इस दिन स्नान के बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से सौंदर्य की प्राप्ति भी होती है.
नरक चतुर्दशी के दिन कुलदेवी, कुल देवता और पितरों के नाम से भी दीया जलाएं जाते हैं.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.