पहली मंजिल में भगवान कृष्ण, राधा और रुक्मिणी के मंदिर हैं. दूसरी मंजिल में भगवान शिव वहीं तीसरी मंजिल में भगवान बुद्ध स्थापित है.
यहां का प्रमुख आकर्षण कृष्ण मंदिर, पाटन दरबार, पाटन दरबार प्रांगण है. लखनऊ से पाटन कृष्ण मंदिर की 343.1 किमी दूर है.
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण तब हुआ जब रावण के साथ युद्ध के बाद भगवान शिव का सिर उनके शरीर से अलग हुआ था.
ये मंदिर सुबह 05:30 बजे से 07:00 बजे तक खुलता है. लखनऊ से इसकी दूरी 780.8 किमी है
यह 108 पवित्र विष्णु मंदिरों में से एक है, जिससे मोक्ष का स्थान भी कहा जाता है.
ये मंदिर नि: शुल्क है. जो सुबह 5 बजे से शाम 9 बजे तक खुलता है. लखनऊ से इसकी दूरी 394.8 किमी है.
यह मंदिर भगवान विष्णु के नारायण रूप का है. जो लखनऊ से 367.9 किमी दूर है.
मनकामना में यह आम धारणा है कि यहां किसी की भी हार्दिक इच्छा अवश्य पूरी होती है. ये लखनऊ से 818.7 किमी दूर है.
इसे बुधनिलकंठ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यहा विष्णु भगवान शेषनाग पर आराम करते है. लखनऊ से ये मंदिर 828.0 किमी दूर है.
यह पवित्र मंदिर हिंदू देवी दुर्गा की अभिव्यक्ति बिंध्यबासिनी को समर्पित है. यह मंदिर लखनऊ से केवल 848.4 किमी दूर है.