भारत में बैंकों का इतिहास 340 साल पुराना है और पहला बैंक 1683 में मद्रास बैंक के तौर पर मद्रास में खुला.
उत्तर प्रदेश में भी बैंकों का इतिहास आगरा, वाराणसी,कानपुर से लखनऊ तक फैला है. अंग्रेजों ने कई बैंक यूपी में खोले
उत्तर प्रदेश में बैंकों का इतिहास काफी पुराना है, जो करीब 190 साल पहले शुरू हुआ था.
देश के सबसे पुराने बैंकों की बात करें तो उसमें छह बैंक यूपी में अंग्रेजों के जमाने में 19वीं सदी में खुले. इसमें तीन तो आगरा में खुले
इनमें सबसे पुराना बैंक तो आगरा में खुला जो करीब 190 साल पुराना है.
आगरा बैंक (Agra Bank) की स्थापना 1833 में 10 लाख पाउंड की रकम से की गई थी. आज के समय में यह रकम हजारों करोड़ रुपये में होती.
आगरा बैंक का काम आंतरिक और विदेश में लड़ रही ब्रिटिश फौज के लिए पैसा कर्ज के तौर पर देना था.
मद्रास, बांबे से लेकर लंदन तक इसकी शखाएं खोली गईं. 1850 में इसका ऑफिस भी लंदन ट्रांसफर हो गया.
ब्रिटिश भारत में द आगरा सेविंग्स फंड नाम से 1842 में नया बैंक खुलाया, जो सिर्फ संयुक्त प्रांत (आज का उत्तर प्रदेश) के ग्राहकों को ही सेवाएं देता था. यह 1863 तक ही चला.
द बनारस बैंक (The Benares Bank) 1844 में बना, यह भारत का 28वां सबसे पुराना बैंक था. संयुक्त प्रांत में सेवाएं देने वाला यह बैंक छह साल ही में बंद हो गया.
द कॉनपोर बैंक 1845 में कानपुर में बना और 1852 तक चला. इससे बैंक ऑफ बंगाल (जो बाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बदला) को कड़ी टक्कर दी.
द लंदन बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया एंड इंडिया 1852 में आगरा में स्थापित हुआ, लेकिन उसी साल इस पर ताला लग गया.
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