जानें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जीवन की वो 10 बातें जो कोई नहीं जानता
बागेश्वर धाम और पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को उनके भक्त हनुमान जी रूप मानते हैं. जानें उनके जीवन की और रोचक बातें.
गढ़ा गांव, छत्तरपुर मध्यप्रदेश में जन्में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री आस पास के गांवों में जाकर लोगों के घर जाकर पूजा पाठ करते थे. उनके शुरूआती दिन बहुत संघर्ष भरे थे.
बाबा बागेश्वर वृन्दावन जाकर पढाई करना चाहते थे लेकिन आर्थिक हालातों के कारण ऐसा नहीं कर सके.
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को हनुमान जी का अवतार माना जाता है, बहुत से लोग केवल उनके दर्शन करने ही उनके दरबार में जाते हैं.
शुरुआती दिनों की छोटी मोटी पुरोहिताई के बाद धीरेंद्र रामकथा करने लगे. यह लोगों को बहुत पसंद आई और उनका दरबार बड़ा होने लगा.
पर्चे पर लिखकर भूत भविष्य बताने की सिद्धि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने दादा से सीखी.
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री बालाजी के उपासक हैं और बालाजी की कठिन तपस्या से उन्हें सिद्धि मिली है जिससे वह भक्तों के दुःख दूर कर सकते हैं
कुछ सिद्धियों के फलस्वरूप बाबा बागेश्वर की बताई गईं बातें सच होने लगीं और आज करोड़ों लोग उनके भक्त हैं
गढ़ा गांव की पहाड़ी के आसपास घना जंगल था जिसमें बाघ घूमते थे इसलिए इसे बाघेश्वर कहते थे जो अब बागेश्वर बोला जाता है.
बागेश्वर धाम में एक पेड़ है इस पेड़ में पॉजिटिव एनर्जी है और उसे छूकर या उससे चिपट कर लोगों के दिमाग पर छाई निगेटिव एनर्जी और भूत प्रेत का साया दूर हो जाता है.