"निर्भयता ही स्वतंत्रता का एकमात्र मार्ग है. निडर बनो और न्याय के लिए लड़ो."
"शिक्षा से केवल ज्ञान का अर्जन नहीं, बल्कि एक संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है."
पंडित मदन मोहन मालवीय ने कहा था- विनम्रता के बिना ज्ञान बेकार है.
"धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला और नैतिकता का आधार है."
"धार्मिकता और धर्म की जीत होने दें, और सभी समुदायों और समाजों की प्रगति हो, हमारी प्यारी मातृभूमि को अपना खोया गौरव वापस मिले, और भारत के पुत्र विजयी हों."
"भारत की सच्ची ताकत उसकी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता में है. हमें इसे एकता के सूत्र के रूप में अपनाना होगा."
"यदि राष्ट्र को उन्नति करनी है, तो सभी वर्गों को शिक्षित करना अनिवार्य है."
"यदि आप मानव आत्मा की आंतरिक शुद्धता को स्वीकार करते हैं, तो आप या आपका धर्म किसी भी व्यक्ति के स्पर्श या संबंध से किसी भी तरह से अशुद्ध या अपवित्र नहीं हो सकता है."
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. जी यूपीयूके इसकी प्रामाणिकता का दावा या पुष्टि नहीं करता.