हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की परिक्रमा या प्रदक्षिणा का खास महत्व है.
किसी मंदिर में या घर में पूजा करते समय प्रतिमा की परिक्रमा करने से पुण्य मिलता है.
परिक्रमा करने से विचारों में सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ती है.
सभी देवी-देवताओं की परिक्रमा की संख्या अलग-अलग हैं.
धर्म-शास्त्रों के जानकारों के मुताबिक, सूर्य देव की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए.
माता पार्वती और भोलेनाथ के पुत्र श्रीगणेश की तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए.
श्री विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार बार प्रदक्षिणा करनी चाहिए.
देवी दुर्गा सहित सभी देवियों की एक बार परिक्रमा करनी चाहिए.
शिवलिंग की आधी परिक्रमा करनी चाहिए. शिवलिंग की जलहरी को नहीं लांघना चाहिए.
पवनपुत्र व रामभक्त हनुमानजी की तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए.