पूर्णिमा की रात चारों ओर चांद की चांदनी अद्भुत छटा बिखेरती है
कहते हैं पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी धरती पर पधारती हैं
पूर्णिमा की रात के स्वामी चंद्रदेव हैं. पूर्णिमा की शाम घर में खीर बनाना अति शुभ मना गया है.
पूर्णिमा के दिन भगवान शिव व चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है.
पौष पूर्णिमा की शाम को कुछ विशेष मंत्रों के जाप से जीवन में चमत्कारिक बदलाव देखे जा सकते है.
शिव मूल मंत्र- ॐ नमः शिवाय, रुद्र गायत्री मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
पहला नियम- तामसिक भोजन और शराब का सेवन न करें. दूसरा नियम- गृहकलेश न करें, किसी भी विवाद से बचें.
तीसरा नियम- किसी का अपमान न करें, कटु वचन न बोलें. चौथा नियम- घर और शरीर को स्वच्छ रखें.
पांचवा नियम- भगवान सत्यनाराण, देवी शाकंभरी और माता अन्नपूर्णा देवी की पूजा करवाएं.