जानें कौन किसके श्राद्ध कर सकता है, क्या बेटियों को श्राद्ध करने का अधिकार है ?

Sandeep Bhardwaj
Oct 02, 2023

Pitru Paksha Shradh 2023

हिन्दू धर्म के मरणोपरांत संस्कारों को पूरा करने के लिए पुत्र का प्रमुख स्थान माना गया है.

Pitru Paksha Shradh 2023

शास्त्रों में पुत्र को ही श्राद्ध, पिंडदान का अधिकारी माना गया है.

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यहां जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार पुत्र न होने पर कौन-कौन श्राद्ध का अधिकारी हो सकता है.

पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए.

एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है.

पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है.

पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में संपिंडों को श्राद्ध करना चाहिए.

बेटी का पति एवं बेटी का पुत्र भी श्राद्ध के अधिकारी हैं.

बेटे के न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं.

पति अपनी पत्नी का श्राद्ध तभी कर सकता है, जब कोई पुत्र न हो.

पुत्र, पौत्र या पुत्री का पुत्र न होने पर भतीजा भी श्राद्ध कर सकता है.

गोद लिया पुत्र भी श्राद्ध का अधिकारी है.

कोई न होने पर मरने वाले व्यक्ति के धन से ही उसके किसी भी जानकार द्वारा श्राद्ध करने का विधान है.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEE News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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