पितृ पक्ष की अमावस्या

पितृ पक्ष की अमावस्या 14 अक्टूबर शनिवार के दिन है. इसी दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है. यानि इसबार श्राद्ध के अंतिम दिन ही सूर्य ग्रहण रहेगा.

Zee Media Bureau
Oct 03, 2023

कब है सूर्य ग्रहण

ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा.

सूर्य ग्रहण में सूतक काल

सूर्य ग्रहण के कुछ घंटे पहले से ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. ऐसे में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है. दरअसल ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है.

सूतक काल में श्राद्ध कर्म

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण या सूतक काल के समय श्राद्ध कर्म करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है. कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दिन पितरों का श्राद्ध या तर्पण करने से हमारे पूर्वज बेहद प्रसन्न होते हैं.

पितरों के नाम से करें दान

यही नहीं इस दिन पितरों के नाम का दान-पुण्य करने से पितृ दोष भी दूर होता है. इसके अलावा, देवी-देवता भी प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं.

दान कभी भी किया जा सकता है

जानकारी के लिए बता दें ग्रहण के समय श्राद्ध करने से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा. बिना किसी भय के आप श्राद्ध कर सकते हैं.

पितृपक्ष में क्या न करें

पितृपक्ष के दौरान कोई भी नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए.

मेहमानों का अनादर न करें

माना जाता है कि इस दौरान किसी भी घर आए मेहमान का अनादर नहीं करना चाहिए.

पशु-पक्षियों को परेशान न करें

पितृ पक्ष के दौरान पशु,पक्षियों और जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए.

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