प्रयागराज में बना शंकर विमान मंडपम, भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. आदि शंकराचार्य की स्मृति में बना यह मंदिर त्रिवेणी संगम के तट पर स्थित है.
सोमेश्वर नाथ मंदिर प्रयागराज के यमुना तट पर अरैल गांव में भगवान शिव का प्राचिन मंदिर है. जिसकी स्थापना चंद्रमा ने की थी.
कहा जाता है कि जब माता पार्वती के पिता राजा दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा को क्रोधित होकर श्राप दे दिया था. जिससे चंद्रमा कुरूप होकर छय रोग से ग्रसित हो गए थे.
कोटेश्वर महादेव का मंदिर गंगा के तट पर स्थित है. शिवकुटी मोहल्ले का यह मंदिर प्रयागराज में सबसे खास शिव मंदिरों में से एक माना जाता है.
भगवान राम ने कोटेश्वर महादेव मंदिर को स्थापित किया था. इस शिवलिंग के दर्शन से कलयुग में शिव भक्तों को एक करोड़ शिवलिंग दर्शन के पुण्य प्राप्त होते हैं.
कोटेश्वर महादेव मंदिर में सावन के सोमवार और महाशिवरात्रि के पर्व पर भक्तों की असीम भीड़ उमड़ती है.
इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से 6 किमी की दूरी पर, मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज के छावनी क्षेत्र में यमुना नदी के तट पर स्थित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है.
मनकामेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. और श्री शंकराचार्य ट्रस्ट द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है.
पड़िला महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्रयागराज के उत्तरांचल मे जनपद मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर फाफामऊ के थरवई गाँव मे स्थित हैं.
श्री कृष्ण की सलाह पर यहाँ पाण्ड्वों ने भगवान शंकर के लिंग की स्थापना अपने वनवासकाल के दौरान किया था.
संगम नगरी में यमुना तट पर स्थित प्रसिद्ध तक्षकेश्वर नाथ मंदिर विश्व का एकमात्र तक्षक तीर्थ स्थल है. वर्तमान में यह स्थान दरियाबाद क्षेत्र में आता है.
प्रयागराज में यह स्थान "बड़ा शिवाला" के नाम से प्रसिद्ध है.तक्षकेश्वर नाथ शिवलिंग की प्राचीनता और पौराणिकता स्वयं पुराणों में दर्ज है.
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