प्रयागराज महाकुंभ में 12 साल बाद ग्रह-नक्षत्र बनाएंगे अद्भुत राजयोग, राशियों में उथल-पुथल

Padma Shree Shubham
Dec 31, 2024

स्थितियां 12 साल बाद

प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ लगने का कारण ये है कि यह एक निश्चित ग्रह नक्षत्र में ही लगता है और ये स्थितियां 12 साल बाद ही बनती हैं.

महाकुंभ का आयोजन

जब गुरु बृहस्पति वृषभ राशि में हों और सूर्य मकर राशि में तब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है.

पौष पूर्णिमा

साल 2025 में महाकुंभ पौष पूर्णिमा से यानी 13 जनवरी को शुरू हो रहा है और महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी 2025 पर इसका समापन है.

मकर संक्रांति

ज्योतिष अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिससे मकर संक्रांति होगी. वहीं फरवरी माह में कुंभ राशि में सूर्य का प्रवेश होगा.

मिथुन राशि में गोचर

ग्रहों के सेनापति मंगल का कर्क राशि के बाद मिथुन राशि में गोचर होगा. इन गोचर से राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं.

बुध का वास धनु राशि में

महाकुंभ के आरंभ में बुध का वास धनु राशि में रहेगा और फिर मकर और फिर कुंभ राशि में गोचर होगा.

महाकुभ के दौरान चंद्र गोचर

चंद्रमा हर ढाई दिन में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं, महाकुभ के दौरान चंद्र गोचर से महालक्ष्मी, गजकेसरी, कलात्मक, विष योग के साथ ही ग्रहण योग जेस कई योगों बनेंगे.

धनलक्ष्मी योग

मंगल कर्क राशि में रहते हुए धनलक्ष्मी योग का निर्माण करेंहे. वहीं शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि में रहकर शश राजयोग बनाएंगे. यानी शनि कुंभ में होंगे.

नवपंचम

ग्रहों की स्थिति में बदलाव होने से महाकुंभ के दौरान नवपंचम से लेकर प्रतियुति और अर्ध्य केंद्र, षडाष्टक जैसे योग बनेंगे.

सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग

इसके अलावा रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग बनेगा, त्रिपुष्कर योग का भी इस दौरान निर्माण होगा. इन सभी योगों से सभी 12 राशि के जातक प्रभावित होंगे.

डिसक्लेमर

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEEUPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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