वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज की 12 अप्रैल 2024 को अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि कुछ ही देर बाद उन्हें आश्रम भेज दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. प्रेमानंद जी के बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. इनके पिता का नाम श्री शंभू पांडे और माता का नाम श्रीमती रामा देवी है.
सबसे पहले प्रेमानंद जी के दादाजी ने संन्यास ग्रहण किया था. महाराज जी के पिताजी भी भगवान की भक्ति में लीन थे वहीं, महाराज जी के बड़े भाई भी प्रतिदिन भगवत का पाठ किया करते थे.
शायद यही वजह है कि प्रेमानंद जी महाराज भी भक्ति में लीन हो गए. महाराज जी बताते हैं कि जब वे 5वीं कक्षा में थे, तभी से गीता का पाठ शुरू कर दिया.
प्रेमानंद जी महाराज जब 13 वर्ष के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया और इसके बाद वे घर का त्याग कर संन्यासी बन गए.
संन्याली जीवन की शुरुआत में प्रेमानंद जी महाराज का नाम आरयन ब्रह्मचारी रखा गया.
प्रेमानंद जी महाराज संन्यासी बनने के लिए घर का त्याग कर वाराणसी आ गए और यहीं अपना जीवन बिताने लगे. इस दौरान वह दिन में केवल एक बार ही भोजन करते थे.
बताया जाता है कि प्रेमानंद जी महाराज भिक्षा की जगह भोजन करने की इच्छा जाहिर करते थे. अगर कोई खिला दिया तो ठीक नहीं तो भूखे सो जाते थे.