प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में पहुंचे लोग अपनी अपनी परेशानियों के निवारण के लिए सवाल करते हैं.
महाराज जी से एक व्यक्ति ने सवाल पूछा कि शराब और मांस-मछली छोड़ नहीं पा रहा, वहीं पर ध्यान बार बार जाता है. क्या करूं?
प्रेमानंद जी महाराज ने इस पर कहा कि अगर कोशिश कर भी नहीं छोड़ पा रहे है, ऐसा हो नहीं सकता. एक दिन ये शरीर छूट जाएगा ये बुरी बातें क्यों नहीं छूट रही हैं.
शायद आप इतने कमजोर हो चुके है कि ये चाहकर भी ये हो नहीं रहा, छोड़ना चाहें और फिर वो छूटे न, ये बात समझ में कम आती है.
बाहर से छोड़ने की बात कर रहे है. भीतर से आपमें सुखबुद्धि है. भी नहीं छोड़ पा रहे हैं. शराब पीने से लाभ क्या मिल रहा है. एक भी लाभ के बारे में हमें बता दीजिए.
आपने पैसे शराब में खर्च किए. अंगों को नुकसान पहुंचा. आपको शराब पीने में जो आनंद आ रहा है ये आपकी बुद्धि की शीतलता है.
आपकी चिंतन करती बुद्धि शराब पीने से मंद हो जाती है. शिथिल होने पर आपको लगा मौज आ गई. वो शीतलता वो मौज भजन से कीजिए. इस तरह के बहलाने वाले बहानों से आप आजाद करें.
तुम हारना नहीं. प्रयास करते रहना. धीरे से छोड़ो. कसम खाकर नहीं. कसम तब खाना जब आपको विश्वास हो जाए कि आज के बाद नहीं हाथ नहीं लगाओगे.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.