सच्चे गुरु की कैसे करें पहचान? चाणक्य नीति ने बताईं पांच बड़े तरीके

Pooja Singh
Jul 21, 2024

गोविंद से साक्षात्कार

आचार्य चाणक्य खुद एक विद्वान और सर्वश्रेष्ठ गुरु थे. उन्होंने चाणक्य नीति में बताया है कि गुरु वही होता है जो आपको गोविंद से साक्षात्कार करवाता है.

गुरु की जरुरत

आचार्य चाणक्य के मुताबिक, गुरु गोविंद के मायने बतलाता है. इसके अलावा जीवन को सफल बनाने के लिए गुरु का होना बेहद जरुरी है.

गुरु पूर्णिमा

अगर आप भी गुरु पूर्णिमा पर गुरु बनाने की सोच रहे हैं तो उससे पहले आचार्य चाणक्य की इन बातों पर जरुर ध्यान दें.

कैसा हो गुरु?

आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक अच्छा गुरु मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती है लेकिन अगर सद्गुरु कपटी हो तो शिष्य का जीवन बर्बाद हो जाता है.

गुरु के गुण

एक सच्चा और अच्छा गुरु वही है जिसे लोभ, मोह और अहंकार जैसे अवगुण न हों. जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहता है.

गुरु कहलाने का हकदार

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति धर्म, नीति का पालन करते हुए कर्म करता है वहीं गुरु कहलाने का असली हकदार है.

सद्गुरु बनाना

चाणक्य नीति कहती है कि जिस तरह पानी को छान कर पीना चाहिए, उसी तरह किसी भी व्यक्ति की कथनी-करनी जान कर ही उसे अपना सद्गुरु बनाना चाहिए.

योग्यता को निखारना

गुरु अपनी गलतियों से सिखता है और वो चाहता है कि जो गलतियां उसने की है, वो उसका शिष्य न करे. गुरु शिष्य की कमियों को दूर करके, योग्यता को निखारते हैं.

सच्चे गुरु की निशानी

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान संसार में रहते हुए भी तमाम कामना, कुवासना और महत्वाकांक्षा से मुक्त हो उसे गुरु बनाना बेहतर है.

प्रकाश में लाना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो गुरु अपनी इंद्रियों को वस में कर लेता है तभी वो अपने शिष्यों को भी अंधकार से निकालकर प्रकाश में लाने में कामयाब होता है.

गुरु का योगदान

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है. समाज और राष्ट्र के कल्याण में एक गुरु का योगदान बड़ा होता है.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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