अयोध्या का धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों तरह से बहुत ही बड़ा महत्व है. यहां राम जन्म भूमि मन्दिर के साथ-साथ और भी बहुत सी घूमने एवं दर्शन करने लायक जगहें हैं.
भगवान राम जी का मंदिर निर्माण का काम विश्व के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. मन्दिर के भवन का डिजाइन स्थानीय संस्कृति के हिसाब से हुआ है.
हनुमान गढ़ी मन्दिर हनुमान जी के भक्ति, श्रद्धा, इतिहास, कथाएं, और कृतियों से संबंधित है. यह मन्दिर अयोध्या में स्थित होने के कारण राम भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल है.
यह मन्दिर भगवान राम एवं माता सीता के प्रेम के रूप में प्रतिष्ठित है. कनक भवन को माता कैकेयी ने सीता जी को मुंह दिखाई की रस्म में उपहार स्वरूप दिया था.
सरयू तट पर कई घाट बने हुए हैं, जैसे- नया घाट, राम घाट,लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट, आदि, बने हुए हैं. आप किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं.
राम जन्मभूमि की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर एक ऐतिहासिक रसोई है जिसका उपयोग देवी सीता द्वारा किया जाता था.
स्वयं भगवान राम जी ने इस पैड़ी की स्थापना की थी यहां सभी तीर्थों में स्नान करने जितना ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
यह वही स्थान है जहां पर भगवान श्री राम जल समाधि लेकर गुप्त हो गए थे. यहां पर सरयू नदी का जल आज भी बेहद शांत बहता है.
इस महल में राजा दशरथ निवास करते थे. चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन इन सभी का बचपन यहीं बीता है.
सरयू घाट के पास राम की पैड़ी में ही नागेश्वर नाथ मन्दिर स्थित है. इसका निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था.
भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के कासी गंज में स्थित मणि पर्वत 65 फिट ऊंचा है. मणि पर्वत पर ऊपर पहुंचने के लिये आपको 101 सीढियां चढ़कर मन्दिर तक पहुंचना होगा.