रामचरित मानस की किन चौपाई को कब पढ़ना चाहिए?

Padma Shree Shubham
Jun 23, 2024

अलग अलग उद्येश्य

रामचरित मानस की चौपाई अलग अलग उद्येश्य से पढ़ा जाए तो लाभ होता है. सभी काम सिद्ध होते हैं.

रामचरित

आइए जानें कि घर से बाहर निकलते समय आप रामचरित मानस की कौन-सी चौपाई पढ़ें ताकि काम सफल हो.

घर से बाहर

जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो इस चौपाई को पढ़ लें- ‘प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखि कोसलपुर राजा’

रामचरित मानस की चौपाई

इस बताए गए रामचरित मानस की चौपाई को पढ़कर अगर घर से निकले तो कां सिद्ध होते हैं और आत्मविश्वास भी बढ़ता है.

कार्य को प्रारंभ

अगर आप किसी कार्य को प्रारंभ करने जा रहे हैं तो इस चौपाई को पढ़ें- को शुरू करना चाहते हैं, तो ‘गरल सुधा रिपु करहिं मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई’

चौपाई का पाठ

किसी परीक्षा में बैठना है तो आपको इस चौपाई का पाठ करना चाहिए- ‘मोरि सुधारहिं सो सब भांती। जासु कृपा नहिं कृपा अघाती’

गरीबी को दूर करना चाहते हैं

गरीबी को दूर करना चाहते हैं तो इस चौपाई को पढ़ें- करने के लिए ‘अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद्र दवारिके’ दरिद्रता दूर होने लगेगी.

बीमारी से मुक्ति

बीमारी से मुक्ति के लिए रामचरित मानस के इस चौपाई को पढ़ें- ‘दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम काज नहिं काहुहिं व्यापा’.

डिस्क्लेमर

डिस्क्लेमर- Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

VIEW ALL

Read Next Story