रैपिड रेल दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए चलेगी. जबकि मेट्रो एक ही शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है.
रैपिड रेल में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग होती है जबकि मेट्रो में लोंगिट्यूडनल सीटिंग होती है.
रैपिड रेल में प्रत्येक सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था दी गई है जबकि मेट्रो में प्रत्येक सीट पर इस तरह की व्यवस्था नहीं है.
रैपिड रेल के कोच में मरीज को लेकर जाने के लिए भी व्यवस्था मौजूद होती है. जैसे कि कोच में स्ट्रेचर रखने के लिए अलग स्पेस होता है. मेट्रो में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं होती है.
रैपिड रेल में सामान रखने के लिए लैगेज रैक मौजूद होती है जबकि मेट्रो में लगेज रैक मौजूद नहीं होती है.
रैपिड रेल में ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा मौजूद होती है जबकि मेट्रो में ऑन बोर्ड wifi की कोई व्यवस्था नहीं होती है.
रैपिड रेल में महिलाओं के लिए मेट्रो की तरह पहला कोच रिजर्व तो रहेगा पर इसके हर कोच की 10 सीटे महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगी
इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे के लगभग तय की गई है. वहीं, दिल्ली मेट्रो की ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं.
ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. लेकिल ऐसी कोई सुविधा मेट्रो में नहीं है