सरोजिनी नायडू एक बेहतरीन कवियत्री होने के साथ ही उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल थीं.
सरोजिनी नायडू हमेशा महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहीं. शायद यही वजह थी कि 13 फरवरी साल 2014 से उनकी जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
सरोजिनी नायडू की भाषण, कविता सुनाने के अंदाज से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने उन्हें 'देश की नाइटिंगेल' का खिताब दिया था.
सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता अंदोलन में भी काफी एक्टिव रहीं. आज विचार आज भी हमें प्रेरणा देते है. उन्होंने कहा था, यदि पुरुष देश की शान है तो महिला उस देश की नीव है.
आज 'राष्ट्रीय महिला दिवस' भी है. सरोजिनी नायडू ने आत्म सम्मान को लेकर कहा था. आत्म सम्मान इंसान का सबसे बड़ा गहना होता है.
साल 1928 में जब देश में प्लेग महामारी फैली, तो उन्होंने जान की परवाह किए बगैर लोगों में मदद किया और जागरूकता फैलाने का काम किया.