आजकल लोगों को तुरंत गुस्सा आ जाता है. छोटी-छोटी बातों पर बेवजह लड़ने लगते हैं. कई बार ये लड़ाई थाने और कचहरी तक पहुंच जाती है. हालांकि, यूपी में एक ऐसा गांव है जहां पिछले 36 वर्षों में आज तक लड़ाई नहीं हुई. आपसी सूझबूझ से सब ठीक चल रहा है. यही वजह है कि इस थाने में कोई एफआईआर भी नहीं दर्ज की गई.
यूपी के शाहजहांपुर के भावलखेड़ा में नियामपुर नाम का एक गांव है. कहा जाता है कि यूपी के इस गांव में राम राज्य स्थापित हो गया है.
यहां पिछले 36 वर्षों से एक ही परिवार से ग्राम प्रधान चुनकर आ रहा है.
साल 1988 में वीरेंद्र पाल सिंह यादव पहली बार निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए.
तब से आज तक उनके परिवार से ही ग्राम प्रधान बनता चला आ रहा है.
कहा जाता है कि इस गांव में अगर कोई भी आपसी विवाद होता है तो गांव के पंचों द्वारा सुलझा लिया जाता है.
गलती करने पर दोनों पक्षों को बुलाकर एक-दूसरे से माफी मंगवाकर विवाद खत्म कर दिया जाता है.
वीरेंद्र पाल सिंह यादव के अलावा इस गांव से दो बार उनकी पत्नी और तीन बार उनकी पुत्र वधू प्रधान बन चुकी हैं.
नियामतपुर, बिजलीखेड़ा और नगरिया बहाव गांव में कुल आबादी करीब 2 हजार के आसपास है.
इस गांव में लोग आपसी मेल-जोल और सद्भाव के साथ रहते हैं.
अगर कोई विवाद हो भी जाता है तो उसे थाने और कचहरी नहीं ले जाया जाता.
यही वजह है कि इस गांव से आज तक किसी ने भी कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई.
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