ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...शकील बदायूंनी के वो दर्दभरी शेरो शायरी

Amrish Kumar Trivedi
Nov 26, 2024

मोहब्बत का अंजाम

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया--- जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया

बद्दुआ

मैं नज़र से पी रहा था तो ये दिल ने बद्दुआ दी--- तेरा हाथ ज़िंदगी भर कभी जाम तक न पहुंचे

दोस्ती का फर्ज

मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे--- ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है

इश्क का इजहार

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवां मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे --- मैं हूं दर्द-ए-इश्क़ से घायल, मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

दिल की बात

कैसे कह दूं कि मुलाक़ात नहीं होती --- रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती

मोहब्बत भरी शायरी

जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई ---- दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई

Love Shayari

उन्हें अपने दिल की ख़बरें मेरे दिल से मिल रही हैं ----- मैं जो उन से रूठ जाऊं तो पयाम तक न पहुंचे

Romantic Shayari

उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद--- वक़्त कितना क़ीमती है आज कल

मोहब्बत का ख्वाब

क्या हसीं ख़्वाब मोहब्बत ने दिखाया था हमें--- खुल गई आंख तो ताबीर पे रोना आया

दिल की तसल्ली

काफ़ी है मेरे दिल की तसल्ली को यही बात-- आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया

दिल का साथ

अपनों ने नज़र फेरी तो दिल तूने दिया साथ --- दुनिया में कोई दोस्त मेरे काम तो आया

न खुशी न गम

अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे- बेगर्ज बना चुकी है बहुत ये ज़िंदगी मुझे

मोहब्बत का अंजाम

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया - जाने क्यूं आज तेरे नाम पे रोना आया

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