भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. रोज करोड़ों लोग ट्रेनों से अपना सफर तय करते हैं.
भारतीय ट्रेनों में रिजर्व टिकट लेना आसान काम नहीं है और इसके लिए काफी जद्दोजहद करनी होती है. ऐसे में अक्सर लोग वेटिंग का टिकट कराकर रेल में सफर करते हैं. ऐसा करना रेलवे नियमों का उल्लंघन है.
रेलवे के नियम अनुसार भारतीय ट्रेनों में कोई भी व्यक्ति वेटिंग वाली टिकट के साथ ट्रेवल नहीं कर सकता.
आप बिना टिकट पकड़े गए तो आपको अगले स्टेशन पर उतारा जा सकता है और पेनल्टी भी लग सकती है.
लेकिन जरा सोचिए, अगर आप बिना टिकट किसी ट्रेन में सफर कर सकते हैं, और वो भी कानूनी तरीके से! जी हां, भारत में एक ऐसी ट्रेन है, जहां न टिकट की जरूरत होती है और न ही टीटीई का डर होता है.
क्या आपको मालूम है कि भारत में एक ट्रेन ऐसी भी है जिसमें बिना टिकट के यात्रा कर सकते हैं.
इस ट्रेन में सफर करने के लिए आपको टिकट की जरुरत नहीं होगी और ये ट्रेन शिवालिक की पहाड़ियो जैसे खूबसूरत इलाकों से गुजरती है.
भाखड़ा-नांगल ट्रेन, दुनिया की इकलौती ऐसी ट्रेन है जिसमें बिना टिकट के सफ़र किया जा सकता है
इस ट्रेन में सिर्फ तीन डिब्बे हैं और इनके अंदर लकड़ी के कोच लगे हुए हैं. खास बात यह है कि इन कोचों की कुर्सियां अंग्रेजों के जमाने की हैं, जिन्हें आज भी सुरक्षित रखा गया है.
इस ट्रेन में तीन बोगियां हैं. इनमें से एक बोगी पर्यटकों के लिए और एक बोगी महिलाओं के लिए आरक्षित है. इस ट्रेन से रोज़ाना करीब 800 लोग सफ़र करते हैं.
यह ट्रेन जब शुरू हुई थी, तब इसे भाप के इंजन से चलाया गया था. इस ट्रेन की शुरुआत साल 1948 में हुई थी.
यह ट्रेन पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच चलती है. यह ट्रेन 13 किलोमीटर का सफ़र तय करती है. इस ट्रेन से सफ़र करने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं.
इस ट्रेन का प्रबंधन भारतीय रेलवे के पास नहीं है, बल्कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के पास है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.