शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आरोप है कि केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है. आज तक उस पर कोई जांच नहीं बैठाई गई है.
दरअसल, केदारनाथ मंदिर में पिछले साल गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हुआ था. इससे पहले यह दीवारें चांदी की थीं.
इसके लिए मुंबई के एक व्यापारी ने 228 किलो सोना दान दिया था. अब बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति और संबंधित अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगा है.
दावा है कि मंदिर की दीवारों पर पीतल की परत चढ़ाकर उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है. हालांकि BKTC ने इस दावे को गलत बताया है.
BKTC ने दावा किया है कि इसी दानदाता ने बद्रीनाथ मंदिर में भी सोना जड़ने का काम कराया था. यह आरोप सोची समझी साजिश के तहत लगाया जा रहा है.
केदारनाथ मंदिर में सोना लगाने के इतिहास का जिक्र नहीं है. हालांकि दावा है कि केदारनाथ मंदिर के निर्माण के बाद से 12 वीं शताब्दी तक यहां सोना-चांदी लगाया जाता था.
12 वीं शताब्दी के बाद सोना-चांदी लगाने की प्रथा खत्म हो गई. पिछले साल जब यहां सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हुआ था. इसके बाद पुजारियों ने विरोध किया था.
उस वक्त केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने कहा था कि मंदिर की दीवारों पर सोना चढ़ाना हिंदू मान्यताओं और परंपराओं के अनुरूप है.
उस वक्त BKTC के चेयरमैन ने भी कहा था कि ये सामान्य प्रक्रिया है, पहले छत लकड़ी से बनती थी, फिर पत्थर से बनी, इसके बाद तांबें की प्लेंटे आईं. उन्होंने विरोध को साजिश बताया.
यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.