महाभारत में कृष्ण ने कितनी बार किया छल और किन योद्धाओं को धराशायी कर पांडवों को जिताया

Amrish Kumar Trivedi
May 26, 2024

श्रीकृष्ण ने वध का दिया आदेश

कर्ण से श्रीकृष्ण के कहने पर इंद्र ने कवच कुंडल मांगे थे. महाभारत युद्ध में जब निहत्थे कर्ण का रथ का पहिया फंसा तो उसने अर्जुन से रुकने को कहा.

कर्ण का वध

लेकिन श्रीकृष्ण ने पूछा कि जब निहत्थे अभिमन्यु को मारा जा रहा था तब तुम्हारा धर्म कहां था. उनके इशारे पर अर्जुन ने कर्ण के शरीर को भेद डाला.

अजेय बर्बरीक

भीम के पुत्र घटोत्कच का बेटा बर्बरीक था, जिसे तपस्या में भगवान शिव से तीन अजेय बाण मिले थे, इन तीन बाणों से ही वो समूल सेनाओं का पूरा नाश कर सकता था.

बर्बरीक से शीश मांगा

श्रीकृष्ण ने यह जानकर ब्राह्मण भेष धरा और बर्बरीक से उसका सिर मांग लिया. बर्बरीक ने सिर काटकर दे दिया और पांडवों की निश्चित हार टल गई.

गांधारी का संकल्प

महाभारत युद्ध में जब सारे कौरव योद्धा मारे गए तो गांधारी ने दुर्योधन से निर्वस्त्र होकर उसके सामने आने को कहा ताकि वो आंखों की पट्टी खोलकर उसे वज्र का बना सकें.

दुर्योधन का रोका रास्ता

जब दुर्योधन बिना कपड़ों के जा रहा था तो कृष्ण ने मां के सामने ऐसे जाने पर सवाल उठाए और दुर्योधन ने केले का पत्ता लपेट लिया था.भीम ने दुर्योधन की जांघ पर ही प्रहार करके उसे मारा था.

श्रीकृष्ण ने बताया रास्ता

महारथी द्रोणाचार्य को भी हराना नामुमिकन था. तब श्रीकृष्ण ने ही उनके पुत्र अश्वत्थामा के मारे जाने की युक्ति पांडवों को समझाई.

द्रोणाचार्य का वध

अश्वत्थामा मारा गया का शोर सुनकर जब द्रोणाचार्य ने जब युधिष्ठिर से पूछा तो उन्होंने भी यही अश्वत्थामा मारा गया, किंतु हाथी. फिर प्रद्युम्न ने द्रोणाचार्य का सिर काट दिया.

अश्वत्थामा की कायरता

द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा ने युद्ध के बाद पांडवों के शिविर में उनके पुत्रों और तमाम योद्धाओं को मार डाला और उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे पर नारायणास्त्र का प्रयोग किया.

परीक्षित को बचाया

गर्भ में पल रहे परीक्षित को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने खुद वो अस्त्र अपने ऊपर ले लिया और पांडवों के कुल को नष्ट होने से बचाया. द्रौपदी ने उसका सिर काट कर लेने को कहा.

द्रौपदी को आई दया

अश्वत्थामा को जब अर्जुन ने पकड़कर द्रौपदी के सामने पेश किया तो उसे ब्राह्मण पर दया आ गई.

अश्वत्थामा को सजा

लेकिन कृष्ण ने कहा, ब्राह्मण का वध पाप है, लेकिन अधर्मी को दंड न देना भी पाप है. अर्जुन ने उसकी शिखा काट दी और अमर मणि निकाल ली.

शिखंडी स्त्री से पुरुष बना

शिखंडी स्त्री से पुरुष बना था और भीष्म ने अपने शस्त्र उस पर नहीं चलाए. अर्जुन ने तब भीष्म को अपने तीरों से छलनी कर दिया.

शिखंडी को बनाया ढाल

जब महाभारत युद्ध में भीष्म को हरा पाना असंभव तब श्री कृष्ण ने शिखंडी को अर्जुन की ढाल बनाकर युद्ध में उतारने का सुझाव पांडवों को दिया.

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