चौलाई के साग को शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. यह शरीर में पैदा होने वाली विषाक्तता को कम करता है.
चौलाई यह एक ऐसा साग है जो खेती के अलावा बिना यहां-वहां भी उग जाता है. आयुर्वेद में इस साग को बेहद मान दिया गया है.
भारतीय लोक-रिवाजों में यह मान्यता है कि चौलाई के प्रयोग से सांप व कीड़े-मकौड़ों के ताप को कम किया जा सकता है.
चौलाई के डंठल को मैक्सिकन कैंडी कहा जाता है. इसे दुनिया भर में खाया जाता है
शहद के साथ मिलाकर एलेग्रिया नामक एक पारंपरिक और बेहद स्वादिष्ट मिठाई भी बनाई जाती थी.
इसका आटा बनाया जाता था, पीसकर मूर्तियां आदि बनाई जाती थीं
चौलाई का एक डंठल हल्के लाल रंग का भी होता है, खाने में उसे भी खूब प्रयोग में लाया जाता है. प्राचीन समय में चौलाई के बीजों का भी बहुपयोग होता था.
चौलाई की सब्जी का नियमित सेवन करने से वात, रक्त व त्वचा विकार दूर होते हैं.
इस सब्जी को डंठल समेत खाने से आपके पेट और कब्ज संबंधी किसी भी प्रकार के रोग में लाभ मिलता है .
इसके डंठल में प्रोटीन, विटामिन ए और मिनरल की प्रचुर मात्रा होती है.