यूपी का सुल्तानपुर जिला धार्मिक और राजनीतिक दोनों रूप में खास पहचान रखता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी यहां से मौजूदा सांसद हैं.
सुल्तानपुर को महर्षि वाल्मीकि और दुर्वाशा ऋषि जैसे मुनियों की तपोस्थली माना जाता है.
प्राचीन काल में सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर था जो कालांतर मे बदलते बदलते सुलतानपुर हो गया.
कहा जाता है कि इस शहर को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था. इसीलिए इसका नाम कुशभवनपुर पड़ा.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान राम ने वनवास के समय यहां के सीता कुंड में स्नान किया था. यहीं मां सीता भी ठहरी थीं.
इसका नाम मुगलकाल में बदल गया और यह सुल्तानपुर के नाम से जाना जाने लगा.
मध्यकाल में खिलजी वंश के शासकों ने यहां के राजा नंद कुंवर भर को हराकर यहां के वैश्य राजपूतों को सुल्तान की उपाधि दी.
इसी सुल्तान की उपाधि के चलते ही इस नगर को सुल्तानपुर कहा जाने लगा.
मोहम्म्द गोरी के आक्रमण के पूर्व यह राजभरों के अधिपत्य मे था. जिनके जनपद में तीन राज्य इसौली, कुलपुर व दादर थे, आज भी उनके किलों मेंअवशेष हैं, जो तत्कालीन गौरव व समृद्धि को मुखरित करते हैं.
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