अमरेली से भावनगर की तरफ जाने वाली सड़क पर ढोलकिया का पैतृक गांव पड़ता है. सावजी ढोलकिया ने चाचा से कर्ज लेकर हीरा का कारोबार शुरू किया था.
सावजी के पिता किसान थे. घर में पैसों की तंगी के चलते 12 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी और चाचा के पास सूरत आ गए. 10 साल तक हीरा घिसाई का काम किया.
सावजी ढोलकिया साल 2015 में कर्मचारियों को दिए गए गिफ्ट से सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे. इस साल दिवाली पर उन्होंने अपने 1200 कर्मचारियों को जेवर, 200 फ्लैट और 491 कार गिफ्ट की थी.
सावजी ढोलकिया साल 2011 से अपने कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर महंगे गिफ्ट देते आ रहे हैं.
सावजी पहली बार 2014 में चर्चा में आए, जब उन्होंने अपने कर्मचारियों को 200 फ्लैट, 491 कारें और 525 डायमंड जूलरी के सेट उपहार में दिए थे.
इसके बाद 2015-16 में भी हजारों कर्मचारियों को दीपावली पर तोहफे में कार-फ्लैट्स दिए. अपने भतीजे की सादगी से शादी के लिए भी चर्चा में रहे.
हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन ढोलकिया सावजी ढोलकिया ने साल 2018 में दिवाली पर 600 कर्मचारियों को कार और 900 कर्मचारियों को एफडी दी थी.
इतना ही नहीं सावजी ने अपने तीन कर्मचारियों को मर्सिडीज बेंज जैसी महंगी कार भी गिफ्ट की थीं. इन कर्मचारियों ने कंपनी में नौकरी के 25 साल पूरे कर लिए थे.
ढोलकिया की कंपनी 50 देशों को हीरे निर्यात करती है. 'कृष्णा डायमंड ज्वेलरी' के देशभर में 6500 से भी अधिक आउटलेट हैं.