छात्र राजनीति की उपज

सुरेश खन्ना छात्र नेता रहे हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी से कानूनी की पढ़ाई के दौरान वह छात्र राजनीति में सक्रिय हुए. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और संघ में सक्रिय रहे.

हर लहर को दी मात

2007 में बीएसपी की लहर रही हो या फिर 2012 में सपा की, सुरेश खन्ना ने हर बार जीत दर्ज की. एक विधानसभा से 9 बार जीत दर्ज करने पर उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दी गई है.

हनुमान के भक्त हैं

सुरेश खन्ना हनुमान और भगवान शिवजी के अनन्य भक्त हैं. दिन की शुरुआत पूजा के साथ होती है. वह कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हनुमान जी के दर्शन करना नहीं भूलते.

पार्ट टाइम पॉलीटिशियन मानते हैं

बहुत ही लोप्रोफाइल रहने वाले सुरेश खन्ना खुद को पार्टटाइम पॉलीटिशियन मानते हैं. 1985 में वह बीजेपी में शामिल हुए थे. पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा

सुरेश खन्ना प्रदेश के सभी सीनियर नेताओं के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व के भरोसेमंद हैं. यही वजह है कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में वह लगातार वित्त मंत्री की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रहे हैं.

प्रदेश के कद्दावर नेता

सुरेश खन्ना के सियासी कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 9 बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. योगी सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान सीएम और डिप्टी सीएम के बाद उन्होंने ही शपथ ली थी.

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