राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता. दांपत्य जीवन में तो कड़वाहट आ ही सकती है, पति अथवा पत्नी में से किसी का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है इस अवधि के मध्य साझा व्यापार करने से बचें.
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. सोची समझी सभी रणनीतियाँ कारगर सिद्ध होंगी. गुप्त शत्रु परास्त होंगे.
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए नीचराशिगत सूर्य का प्रभाव प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता लाएगा. संतान संबंधी चिंता भी परेशान कर सकती है किंतु नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव का भी योग बना है.
राशि से चतुर्थ सुखभाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता यद्यपि कार्य क्षेत्र में सफलता दर सफलता मिलती रहेगी फिर भी किसी न किसी कारण से पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना ही पड़ेगा.
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव कई तरह के अप्रत्याशित परिणामों का सामना करवाएगा. परिवार में छोटे भाइयों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है.
राशि से द्वितीय धनभाव में गोचर करते हुए नीचराशिगत सूर्य का असर कई तरह के अप्रत्याशित परिणाम देगा. पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होने की संभावना है किंतु स्वास्थ्य विशेष करके आंखों की बीमारी तथा हृदय रोग से सावधान रहने की आवश्यकता है.
आपकी राशि में गोचर करते हुए सूर्य का असर बेहतरीन रहेगा किंतु स्वास्थ्य और शारीरिक पीड़ा के प्रति हमेशा सावधान रहने की आवश्यकता है. शरीर में विटामिन्स की कमी न होने दें.
राशि से बारहवें में व्ययभाव में गोचर करते हुए सूर्य का असर अत्यधिक भाग दौड़ और अपव्यय का सामना करवाएगा. विदेशी मित्रों तथा शुभचिंतकों से अप्रिय समाचार प्राप्ति के योग.
राशि से एकादश लाभभाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव हर तरह से बेहतरीन रहेगा लेकिन परिवार के वरिष्ठ सदस्यों एवं बड़े भाइयों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. प्रेम संबंधी मामलों में भी उदासीनता रहेगी.
राशि से दशम कर्मभाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव कार्य-व्यापार की दृष्टि से तो उत्तम रहेगा किंतु माता-पिता में से किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब हो सकता है.
राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए नीचराशिगत सूर्य का प्रभाव अच्छा ही रहेगा यद्यपि कहीं न कहीं आत्मविश्वास में कमी आएगी. धर्म और आध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी.
राशि से अष्टम आयु भाव में गोचर करते हुए सूर्य का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता विशेष करके अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें. हृदय रोग तथा आंतो से संबंधी विकार परेशानियां दे सकते हैं.