अक्सर आपने सुना होगा या देखा होगा कि कुछ लोग नींद में दांत किटकिटाते हैं या दातों को पीसने लगते हैं. नींद में दांत पीसने को मेडिकल भाषा में ब्रक्सिज्म (bruxism) कहा जाता है.
धीमा और लगातार बना रहने वाला सिरदर्द, जबड़े में पीड़ा, गर्मी, ठंडक या ब्रश करने पर दांतों में झनझनाहट, मसूड़ों की सूजन ब्रक्सिजम के लक्षण हो सकते हैं. डॉक्टर से संपर्क करें.
नींद में दांत पीसने से सिरदर्द, दांत गिरना और मुंह में कई तरह के दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इस आदत से दांतों को नुकसान हो सकता है.
गंभीर रूप से दांत पीसने से दांत फ्रैक्चर हो सकता है, टूट सकते हैं या ढीले भी पड़ सकते हैं. यह आपके जबड़ों को प्रभावित कर सकता है. आइए जानते हैं कि हम इससे कैसे बच सकते हैं.
हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. जिससे ये जबड़ों में अकड़न, सूजन और दर्द आदि को दूर कर उन्हें आराम प्रदान करने में कारगर है.
आप भी ब्रक्सिज्म से पीड़ित हैं तो सोडा, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स लेना बंद कर दें. कैफीन उत्तेजक पदार्थ दिमाग, जबड़े की मांसपेशियों को, खासतौर से रात में विश्राम नहीं करने देगा.
अगर आप तनाव होने पर पेंसिल या पेन चबाते हैं, तो इस आदत को छोड़ दें. आदत छुड़ाने के लिए चूइंग गम या मिंट ले सकते हैं.
दांत पीसने का एक बहुत बड़ा कारण तनाव है. ऐसे में तनाव कम करने के लिए स्ट्रेस काउंसिलिंग में शामिल हो सकते हैं.
जबड़े को बार-बार ऊपर नीचे, आगे पीछे की ओर स्ट्रेच कर सकते हैं.च्यूंगम चबाकर भी आप जबड़ों की एक्सरसाइज कर सकते हैं.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.