उत्तर प्रदेश में हिन्दी का पहला अखबार कौन सा था और ये कब शुरू हुआ. इसकी जानकारी 21वीं सदी की पीढ़ी में शायद ही किसी को हो.
यूपी का पहला समाचार पत्र बनारस अखबार था. इसका प्रकाशन जनवरी 1845 में शुरू हुआ था.
बनारस अखबार के संपादक गोविंद रघुनाथ थत्ते थे और मालिक शिवप्रसाद सितारेहिंद थे.
कुछ लोग बनारस अखबार हिन्दी का पहला समाचारपत्र भी मानते हैं. जबकि कुछ का मानना है कि भारत का पहला हिन्दी अखबार उदंत मार्तंड था.
देवनागरी लिपि के इस्तेमाल के बावजूद बनारस अखबार में अरबी और फ़ारसी भाषा के शब्दों की भरमार थी. जो आम जनता के लिए एक मुश्किल ती.
बनारस से ही 1850 में तारा मोहन मैत्रेय के संपादन में सुधाकर पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ. यह साप्ताहिक बंगला और हिन्दी दो भाषाओं में प्रकाशित होता था.
शिवप्रसाद को भारतेंदु हरिश्चंद्र गुरु मानते थे. भारतेंदु ने साधारण हिन्दी भाषा और खड़ी बोली की मुहिम छेड़ी, उन्हें भारतीय नवजागरण का अग्रदूत कहा जाता है
हिन्दी भाषा के लिहाज से 'सुधाकर' उत्तर प्रदेश का पहला हिन्दी समाचार पत्र था, जो 1853 में प्रकाशित होना शुरू हुआ.
राजा शिव प्रसाद सितारेहिन्द हिन्दी साहित्यकार और शिक्षक भी थे. वो बनारस शिक्षा विभाग में ज्वाइंट इंस्पेक्टर और फिर इलाहाबाद में स्कूल इंस्पेक्टर बने.
ब्रिटिश सरकार की उल्लेखनीय सेवा के कारण उन्हें 1870 में सितारेहिन्द की उपाधि प्राप्त हुई.उनके प्रयासों से स्कूलों में हिन्दी भाषा को प्रवेश मिला.
खड़ी बोली हिन्दी के विकास में हिन्दी और नागरी लिपि के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वालों में राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द अग्रणी थे.
उदंत मार्तंड भारत में प्रकाशित पहला हिन्दी समाचार पत्र था. यह साप्ताहिक 30 मई 1826 को कलकत्ता से शुरू हुआ था.पंडित जुगल किशोर शुक्ल इसके प्रकाशक और संपादक भी थे.
यह जानकारी सामान्य स्रोतों, ऐतिहासिक पुस्तकों और लेखों से ली गई है. जीयूपीयूके इसके सौ फीसदी प्रामाणिक होने का दावा नहीं करता.