उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की स्थापना 1921 में हुई थी. इसकी स्थापना संयुक्त प्रांत विधान परिषद के एक अधिनियम के तहत प्रयागराज में हुई थी.
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संचालित करने वाली संस्था है. जिसे यूपी बोर्ड कहा जाता है.
इस बोर्ड ने अपनी पहली परीक्षा 1923 में आयोजित की थी. यह बोर्ड भारत में एक ऐसा बोर्ड है, जिसने शुरू से ही 10+2 परीक्षा प्रणाली को अपनाया था. 1923 से पहले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय इन दोनों परीक्षाओं की जांच संस्था थी.
बोर्ड की स्थापना वर्ष 1921 में संयुक्त प्रांत विधान परिषद के एक अधिनियम द्वारा प्रयागराज में की गई थी. इसने अपनी पहली परीक्षा 1923 में आयोजित की थी. यह बोर्ड भारत में एक ऐसा बोर्ड है, जिसने शुरू से ही 10+2 परीक्षा प्रणाली को अपनाया था.
राज्य में हाई स्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार है. UPMSP की स्थापना 1921 में हुई थी और इसका मुख्यालय प्रयागराज (पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था) में स्थित है.
यूपी बोर्ड का रिजल्ट शुरुआती दौर में अखबारों में घोषित किया जाता था. फिर धीरे धीरे तकनीकी परिवर्तन होने लगे और रिज़ल्ट कंप्यूटर पर इंटरनेट के माध्यम से देखा जाने लगा.
वर्तमान में रिजल्ट को देखना और भी आसन हो गया है. लोग घर में हो या कहीं भी फोन के माध्यम से आसानी से देख लेते हैं. यूपी माध्यमिक बोर्ड ने सन् 2021 में दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड बनने का गौरव भी प्राप्त किया है
यूपी बोर्ड 2021 में अपने सौ साल पूरे करने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बन गया
साल 2024 की हाईस्कूल परीक्षा 22 फ़रवरी से 7 मार्च तक चली थी और इसके लिए 50 लाख से ज़्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था.
शैक्षणिक सत्र 2023–24 में करीब 50 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है, जिनकी किस्मत का फैसला आज होने जा रहा है.