यूपी के इस गांव में शादी के बाद लड़के को बनाकर रखा जाता है जमाई

Amitesh Pandey
May 23, 2024

UP Ajab Gajab

सनातन धर्म में शादी के बाद लड़कियों की विदाई की परंपरा वर्षों पुरानी है. हालांकि, यूपी के कौशांबी में एक ऐसा गांव है, जहां शादी के बाद लड़कियों की विदाई नहीं की जाती, बल्कि दूल्‍हे को ही घर जमाई बनकर रहना पड़ता है.

दूल्‍हे की मर्जी

खास बात है कि यह सबकुछ जबरदस्‍ती नहीं किया जाता, दूल्‍हे की मर्जी से होता है.

दूल्‍हा होता है राजी

शादी तय होने से पहले ही लड़की वाले दूल्‍हे के घर वालों को राजी करवा लेते हैं कि वह घर जमाई बनकर ही रहेगा.

अनोखा गांव

यही वजह है कि कौशांबी के इस गांव को दामादों का गांव भी कहा जाने लगा.

दामाद का गांव

कौशांबी के हिंगुलपुर गांव को दामादों का पुरवा और दामादों का गांव भी कहा जाता है.

कन्‍या भ्रूण

गांव के लोगों का कहना है कि एक समय था जब इस गांव में कन्‍या भ्रूण और दहेज के लिए लड़कियों की हत्‍या तक कर दी जाती थी.

अनोखा तरीका

दहेज हत्‍या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए गांव वालों ने अनोखा तरीका खोज निकाला.

दशकों पहले लिया फैसला

दशकों पहले गांव के लोगों ने लड़कियों की शादी के बाद ससुराल में रहने का फैसला किया. ताकि गांव की लड़कियां सुरक्षित रहें.

रखी जाती है शर्त

गांव वालों के इस फैसले की वजह से आज लड़कियां सुरक्ष‍ित हैं.

लड़का जमाई बनकर रहेगा

जब गांव के लोग अपनी लड़कियों के लिए रिश्‍ता देखने जाते हैं तो लड़कों वालों के सामने अपनी शर्त रखते हैं कि शादी के बाद लड़का घर जमाई बनकर रहेगा.

पूरी व्‍यवस्‍था की जाती है

गांव वालों की यह शर्त मानने के बाद ही बेटियों की शादी की जाती है. गांव के लोग दामाद के रहने के लिए पूरी व्‍यवस्‍था भी करते हैं. ताकि उन्‍हें अपने घर की याद न आए.

दामाद जमाई बन गए

आज इस गांव में कौशांबी जिले के अलावा प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर और बांदा के दामाद घर जमाई बनकर रह रहे हैं.

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