महाभारत का वो योद्धा जो खा गया पिता के दिमाग के तीन टुकड़े

Shailjakant Mishra
May 24, 2024

महाभारत का युद्ध

धर्म की रक्षा के लिए कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, जो 18 दिनों तक चला था.

कौरव-पांडव

कौरव और पांडवों के बीच हुए महाभारत के युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं की कहानियां आज भी प्रचलित हैं.

पिता का खा लिया मस्तिष्क

लेकिन क्या आप जानते हैं, महाभारत में एक ऐसा भी पात्र था जो अपने पिता के मस्तिष्क को खा गया था.

पांडु

इनका नाम है सहदेव. पांडु पत्नी माद्री के जुड़वा बेटे सहदेव थे. वह पिता और भाई की तरह पशुपालन शास्त्र और चिकित्सा में दक्ष थे.

कुशल रथ योद्धा

महाभारत के युद्ध में सहदेव के घोड़े के रथ के अश्व तितर के थे.उनके रथ पर हंस का ध्वज लहराता था. वह अच्छे रथ योद्धा माने जाते थे.

सहदेव के पिता

सहदेव के धर्मपिता पांडु बहुत ज्ञानी थे. उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनके बेटे मरने के बाद उनके शरीर को खाएं, जिससे उनका ज्ञान उनको मिल सके.

मस्तिष्क के तीन हिस्से खाए

लेकिन केवल सहदेव ही ऐसा कर पाए थे. उन्होंने पिता के मस्तिष्क के तीन हिस्से खाए थे.

भविष्य का ज्ञान

कहा जाता है कि पहला हिस्सा खाने से भूतकाल, दूसरा हिस्सा खाने पर वर्तमान और तीसरा हिस्सा खाने पर भविष्य की जानकारी हुई थी. इस तरह से वह त्रिकालज्ञ बन गए थे.

डिस्क्लेमर

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

VIEW ALL

Read Next Story