प्रयागराज के सबसे पुराने बाजार चौक में लगभग 110 साल पुराना (clocktower) घंटाघर स्थित है.
यह इमारत 50 फीट ऊंची है और बाजार के बीत में है. हलांकि कि 110 साल में यह काफी बदल गई है. जिसने गुलामी का दौर, स्वतंत्रता का संघर्ष और आजादी देखी है.
ब्रिटिश काल में सर स्विंटन जैकब द्वारा इस घंटाघर को डिजाइन किया गया था.
लखनऊ के बाद प्रयागराज यह प्रयागराज उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे पुराना घंटाघर है जिसको 1913 मे बनवाया गया था.
घंटाघर के चारों ओर चार घड़ियां लगी हैं, घंटे से व्यापारियों का यह बाजार सतर्क तो हो जाते हैं.
30 साल से इसकी घड़ी बंद थी और साल 2007 में इस इमारत का नवीनीकरण किया गया लेकिन आज भी यहां पर पटरी दुकानदारों का अतिक्रमण है.
भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर लखनऊ का घंटाघर जोकि 221 फीट ऊंचे इस इमारत को नवाब नसीरुद्दीन हैदर द्वारा 1887 ई. में बनवाया गया.
कंबोह दरवाजा गेट पर बने मेरठ के घंटाघर को किंग एडवर्ड के स्मारक के रूप में बनवाया गया. यह घड़ी पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में थी जिसको जर्मनी लाया गया.
कासगंज शहर के मध्य में घंटाघर स्थित है, जो मथुरा-बरेली राजमार्ग पर है. यह शहर की शान है.