यूपी के फतेहपुर जिले के भैदपुर गांव में कई घरों में परिवार एक साथ रहता है. इस गांव के कई मकान फतेहपुर और कौशांबी दो जिलों के सरहद में बंटे हैं.
धाता ब्लॉक के भैदपुर गांव के कुछ ग्रामीणों का तो हाल ऐसा है कि घर तो फतेहपुर जनपद में है, लेकिन घर के चौखट से बाहर जैसे ही कदम रखते हैं तो कौशाम्बी सीमा लग जाती है.
ठीक ऐसे ही हालात है फतेहपुर की सीमा से सटे पड़ोसी कौशाम्बी के बरौला गांव का भी है. यहां के मकान भी कौशांबी और फतेहपुर दोनों जिलों के बार्डर में है.
जिले के धाता ब्लॉक के भैदपुर गांव की आबादी 1000 के आसपास है. जिनमें करीब 200 एससी, 50 ओबीसी और करीब आधा दर्जन से ज्यादा जनरल कैटेगरी के लोग हैं. यहां के कुछ घरों की भौगोलिक स्थिति बड़ी ही रोचक है.
मौजूदा समय में भैदपुर गांव नव सृजित धाता नगर पंचायत का एक वॉर्ड है. यहां के निवासी सुनील कुमार के घर के दरवाजे के बाहर कदम रखते ही कौशाम्बी जनपद की सीमा लग जाती है.
ऐसे ही गांव में पड़ोसियों के कई घर आपस में सटे हुए जरूर हैं, लेकिन जिले दोनों पड़ोसियों के अलग-अलग हैं. बाहर से देखकर इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है कि कौन सा घर किस जिले में है.
गांव में प्राथमिक और जूनियर स्कूल है. इन स्कूलों में कौशाम्बी के गांव बरौला के बच्चे भैदपुर और धाता कस्बे में पढ़ने जाते हैं. इसी तरह कौशाम्बी जिले के बरौला गांव की भी आबादी करीब एक हजार है.
बरौला गांव एससी बहुल है. गांव की गलियों में खड़ंजा लगा हुआ है. सड़क और खड़ंजा से कौशाम्बी या फतेहपुर का अनुमान लगाया जा सकता हैं. वहीं, बरौला गांव के भी कई घर धाता नगर पंचायत के भैदपुर गांव में आते हैं.
इन परिस्थितियों में दोनों गांवों के लोग बाजार, स्कूल और बैंक के काम धाता कस्बे से करते हैं. वहीं, बरौला के ग्रामीणों ने तो बिजली का कनेक्शन तक फतेहपुर जिले से लिए हुए हैं.
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