हर साल लाखों लोग आईएएस और आईपीएस की परीक्षा में बैठते हैं. इनमें से बहुत कम छात्र ही यूपीएससी क्रैक कर पाते हैं. देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने में शुरुआती शिक्षा अहम रोल निभाती है. देश में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें आईएएस और आईपीएस बनाने की फैक्टरी कहा जाता है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विश्वविद्यालय इस सूची में टॉप पर हैं.
एक आरटीआई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 1975 से 2014 तक सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ हुए छात्र बने.
किसी कारणवश 2014 के बाद आंकड़ों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पिछले 40 वर्षों में दिल्ली यूनिवर्सिटी के बाद सबसे ज्यादा आईएएस आईपीएस यूपी और उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों ने दिए.
आईआईटी कानपुर इंजीनियरिंग की पढाई के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, इसे आईएएस और आईपीएस बनाने की फैक्टरी भी कहा जाता है.
कई IAS टॉपर्स ने आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन कर यूपीएससी की परीक्षा दी. यहां के छात्र अपनी स्नातक की डिग्री के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देते हैं.
यह भारत के लोकप्रिय तकनीकी सार्वजनिक संस्थानों में से एक है, जो उत्तराखंड के रुड़की में है.
इसे भारत में यूपीएससी के लिए सबसे अच्छे कॉलेजों में से एक माना जाता है. कई टॉपर्स ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन किया है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत के सबसे विविध विश्वविद्यालयों में से एक है. यह वाराणसी में है.
कई यूपीएससी आईएएस टॉपर्स हैं जिन्होंने बीएचयू से पढाई की है, जो इसे यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे अच्छे कॉलेजों में से एक बनाता है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय को भारत का सबसे पुराना मॉडर्न यूनिवर्सिटी में से एक माना जाता है.
हर साल बड़ी संख्या में आईएएस टॉपर्स इस विश्वविद्यालय से स्नातक होते हैं. इसे IAS और IPS बनाने की फैक्टरी कहा जाता है.