तेजतर्रार पुलिस अधिकारी मानी जाने वालीं आइपीएस लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्धनगर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई हैं.
लक्ष्मी सिंह मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली है. उन्होने अपनी पढ़ाई वहीं से ही की हैं.
उनकी स्कूलिंग लखनऊ के ही लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से हुई है. इसके बाद लखनऊ में ही स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिरिंग एंड टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया हैं.
वह गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी है. इसके अलावा समाज शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया हैं.
लक्ष्मी सिंह 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी यूपीएससी में ओवरऑल 33वीं रैंक थी. जबकि वह आईपीएस बैच की टॉपर रही थीं.
साल 2014 में उन्हें आगरा में डीआईजी के पद पर प्रमोट कर भेज दिया गया था. वहां आईपीएस लक्ष्मी सिंह की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
वर्ष 2018 में लेडी सिंघम को आईजी पद पर प्रमोट किया गया था. आईपीएस लक्ष्मी सिंह को जो भी केस दिए गए जाते थे उसे तेजी से निपटा देती थी. सीएम योगी ने उन्हें विकास दुबे कांड की जांच सौंपी थी.
लक्ष्मी सिंह को ईमानदार और तेज तर्रार छवि प्रस्तुत करने के कारण साल 2019 में उन्हें राजधानी लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई थी.
आईपीएस लक्ष्मी सिंह को बेहतरीन कार्यों के लिए प्रधानमंत्री की ओर से सिल्वर बेटन और गृह मंत्रालय की ओर से 9 एमएम की एक पिस्टल पुरस्कार में प्रदान की जा चुकी हैं.
इनामी डकैत और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर भी कर चुकी हैं. दरअसल, IPS लक्ष्मी सिंह एसटीएफ में भी बतौर डीआईजी तैनात रहीं और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की हैं
आईपीएस लक्ष्मी सिंह के पति राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा के विधायक हैं. वह साल 2022 में जीते थे. राजेश्वर सिंह भी पूर्व आईपीएस हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) में ज्वाइंट डायरेक्टर थे.
लक्ष्मी सिंह वाराणसी के साथ-साथ चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत और बुलंदशहर में बतौर एसपी और एसएसपी सेवा दे चुकी हैं.
लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्ध नगर में नई कमिश्नर के रूप में तैनात कर दिया गया है. नई सीपी के रूप में कार्यभार संभालने वाली इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं.