यूपी का ये गांव आईएएस-आईपीएस का कारखाना, हर घर में कोई न कोई अफसर

Pooja Singh
Sep 24, 2024

UPSC

UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. देशभर के लाखों छात्र हर साल इस परीक्षा में शामिल होते हैं.

अनोखा गांव

सिर्फ 1000 या 1200 छात्रों का ही सेलेक्शन हो पाता है, जिनमें से कुछ ही IAS, IPS, IFS और IRS पर एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे UPSC की फैक्ट्री कहा जाता है.

माधोपट्टी गांव

उत्तर प्रदेश के इस गांव से इतने आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निकले हैं कि जानकर लोग दंग रह जाते हैं. इस गांव का नाम माधोपट्टी है, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर में है. ये गांव शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

अधिकारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव से अब तक 40 से भी अधिक आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निकल चुके हैं, जिनमें से कई तो अभी बड़े-बड़े पदों पर तैनात हैं.

कितनी है आबादी?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव की आबादी लगभग 4 हजार है, जबकि यहां करीब 75 घर हैं. दिलचस्प बात ये है कि न सिर्फ इस गांव के बेटे अधिकारी बने हुए हैं बल्कि बेटियां और बहुएं भी अफसर बनी हुई हैं.

UPSC की तैयारी

कहते हैं कि यहां के छात्र कॉलेज में जाते ही यूपीएससी की तैयारी में जुट जाते हैं और आगे चलकर न सिर्फ अपना बल्कि अपने परिवार और गांव का नाम भी रोशन करते हैं.

कब से हुई शुरुआत?

देश की आजादी के तुरंत बाद ही इस गांव के लड़कों में यूपीएससी के प्रति क्रेज बढ़ गया था. 1952 में जहां इंदु प्रकाश सिंह आईएफएस अधिकारी बने थे तो वहीं 1955 में विनय कुमार सिंह आईएएस बने थे, जो बाद में बिहार राज्य के मुख्य सचिव भी बने.

यूपीएससी परीक्षा

इस गांव के 4 ऐसे भाई-बहन भी हैं, जो यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए हैं और कोई आईएएस बना है तो कोई आईपीएस. इस गांव से निकले कई आईएएस अधिकारी पीएम और सीएम कार्यालयों में भी कार्यरत हैं.

वर्ल्ड बैंक

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव के कई युवा तो इसरो, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और वर्ल्ड बैंक में भी काम कर रहे हैं.

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