सावन का महीना महादेव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास समय माना जाता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सावन 22 जुलाई से शुरू होगा. वही इसका समापन 19 अगस्त को होगा.
सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने और विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में ही माता पार्वती ने कठोर तप करते हुए भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था.
आज हम आपको उत्तराखंड के एक महादेव मंदिर के बारे में बताएंगे. यह मंदिर उत्तराखंड के लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है
इस मंदिर का नाम अगस्तेश्वर महादेव मंदिर है जो उत्तराखंड के रुदप्रयाग में है.
दक्षिण की ओर जाने से पहले ऋषि अगस्त्य ने रुद्रप्रयाग के एक शहर में तप किया था. जिसके बाद से इस जगह का नाम अगस्त्यमुनि शहर रख दिया गया था.
यह मंदिर मंदाकिनी नदी के तट से 1000 मीटर ऊंचा है. इस जगह ऋषि अगस्त्य ने कई वर्षों तक तपस्या की थी जिसकी वजह से इसका नाम अगस्तेश्वर रखा गया है.
यह मंदिर रुद्रप्रयाग से 18 किमी की दूरी पर है. जिसके दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते है.
इस मंदिर में आपको पत्थरों पर देवी-देवताओं की नक्काशी भी देखने को मिलेगी. हर साल बैसाखी के समय यहां एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है जिसमें बहुत से भक्त शामिल होते है.
अगस्त्यमुनि शहर बेहद ही खूबसूरत टूरिज्म स्पोर्ट है. यहां के बाजारों में अलग ही तरह की रौनक होती है. यहां यात्रियों के रुकने की अच्छी व्यवस्था है.