ट्रेकिंग के लिए जन्नत है हर की दून घाटी, ऊंचे पहाड़ों और हरी-भरी घाटियों में स्वर्ग जैसा नजारा

Pooja Singh
Jun 01, 2024

हर की दून ट्रेक

हर की दून ट्रेक की कुल दूरी 47 किमी की है. इसे पूरा करने में 6 से 7 दिनों का समय लगता है. अगर आप भी हॉलीडे में कुछ नया एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो ये ट्रेक एक बेहतर ऑप्शन है.

ये हैं रास्ते

ये हिमालय के प्रसिद्ध स्थालों से होकर गुजरता है. सबसे पहले पवनी गैराट, सीमा, ओस्ला, इसके बाद हर की दून घाटी है, फिर ये घाटी के दाईं ओर रुइंसारा झील और ओसला गांव तक जाती है.

शानदार नजारा

हर की दून घाटी से स्वर्गारोहिणी, बंदरपूछ और प्रसिद्ध गढ़वाल चोटियों में से एक कालानाग का शानदार दृश्य दिखाई देता है.

हिमालयी संस्कृति

यहां से आप रोमांच के साथ-साथ प्राचीन हिमालयी संस्कृति, पर्वतीय गांव और खूबसूरत घाटियों का आनंद ले सकते हैं.

देबशु बुग्याल

देबशु बुग्याल हर की दून ट्रेक की सुंदरता को बढ़ाता है. ये ट्रेक को हर तरह से पूरा भी करता है. ये सुंदरता का एक बड़ा स्रोत है.

खास है ये ट्रेक

इस ट्रेक में सबकुछ मिलेगा, जैसे लकड़ी, नदी, अल्पाइन घास के मैदान, पहाड़, ग्लेशियर पर अच्छी तरह से तैयार किए गए खूबसूरत हिमालयी गांव.

आसान ट्रेकिंग

ये ट्रेक उत्तरकाशी जिले में है. ये ट्रेक पूरे साल चलता है और यहां हर कोई ट्रेकिंग कर सकता है. शुरुआती और अनुभवी ट्रैकर के लिए सर्वोत्तम.

स्वर्ग का रास्ता

आप दिसंबर से मार्च में बर्फबारी में आनंद ले सकते हैं. आप मारिंडा ताल और जौंधार ग्लेशियर का विकल्प चुन सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि पांडव इसी रास्ते से स्वर्ग गए थे.

देहरादून में रिपोर्टिंग

देहरादून में रिपोर्टिंग, फिर सांकरी के लिए ड्राइव. सांकरी पहुंचने पर प्रत्येक ट्रेकर्स और प्रतिभागियों को ब्रीफिंग और पंजीकरण पूरा करना होगा.

सीमा तक ट्रेक

शाम का समय सांकरी में बिताना होता है फिर होमस्टे में रात गुजार सकते हैं. सुबह के नाश्ते के बाद तालुका तक ड्राइव करें, फिर सीमा तक ट्रेक करें, जो लगभग 12 किमी दूर है.

खूबसूरत रास्ता

ये रास्ता ज्यादातर धीरे-धीरे चढ़ता है और इसके बगल में सुपिन नदी बहती है. इसके विपरीत ओसला गांव देखा जा सकता है. रास्ता देवदार के पेड़ों, बांस, जंगली गुलाब, आईरिस के बीच से गुजरता है.

खड़ी चढ़ाई

शिविर में रात गुजारने के बाद नाश्ता करने के बाद ट्रेकर्स यात्रा शुरू करते हैं. पहले सीढ़ीदार खेतों को पार करते हैं, फिर रूपिन नदी पर बने पुल को पार करने के बाद खड़ी चढ़ाई करते हैं.

कलकतियाधार

अंत में कलकतियाधार पहुंचते हैं. यहां से हर की दून घाटी मात्र 4 कि.मी. दूर है.

सांकरी गांव

सांकरी उत्तरकाशी का एक छोटा-सा गांव है. ये हर की दून घाटी और आसपास के अन्य ट्रेक के लिए लोकप्रिय है. यहां आप हवाई मार्ग, ट्रेन और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं.

हवाई मार्ग

सांकरी का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो लगभग 215 किलोमीटर दूर है. यहां से आप टैक्सी या बस ले सकते हैं.

ट्रेन

सांकरी का निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है, जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. यहां से आप टैक्सी या बस ले सकते हैं.

सड़क मार्ग

सांकरी उत्तराखंड के प्रमुख शहरों और कस्बों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. आप देहरादून, मसूरी या ऋषिकेश से सांकरी के लिए बस ले सकते हैं. आप खुद की गाड़ी या टैक्सी से आ सकते हैं.

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