वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे या कहें वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे 610 km लंबा, छह लेन वाला और ग्रीनफील्ड एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है जो बिहार, बंगाल, यूपी और झारखंड को जोड़ेगा .
यूपी वाराणसी को झारखंड की राजधानी रांची के जरिए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से जोड़ेगा, इसके बनने से बिहार, बंगाल, यूपी व झारखंड ऐसे जुड़ जाएंगे कि कहीं भी जाना आसान हो जाएगा.
देश में एक्सप्रेसवे का मानों जाल सा बिछ रहा है, क्या बिहार, क्या यूपी और क्या बंगाल सभी आपस में कनेक्ट होते दिख रहे हैं, इसी तरह वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण भी जारी है.
यह छह लेन का एक्सप्रेसवे होगा, हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि बाद में इसे बढ़ाया जा सकता है. भारत सरकार की भारतमाला परियोजना का यह परियोजना भी एक हिस्सा है.
उत्तर प्रदेश के चंदौली से वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे शुरू होगा, इसके बाद बिहार के कैमूर, भभुआ, रोहतास, सासाराम के साथ ही औरंगाबाद, गया जिले से होते हुए बिहार के भीतर करीब 159 किलोमीटर की दूर तक जाएगी.
बिहार के बाद यह एक्सप्रेसवे झारखंड के चतरा जिले से होकर हजारीबाग, रामगढ़ व बोकारो जिलों से होते हुए झारखंड के भीतर करीब 187 किलोमीटर रास्ते तय कर पाएगा.
झारखंड में वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और पीटरबार होते हुए गुजरेगा ये रांची के पास बोकारो से भी गुजरेगा फिर ये पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर जाएगा।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर के साथ ही हुगली व हावड़ा जिलों से होते हुए राज्य से निकलेगा.
पश्चिम बंगाल के भीतर लगभग 242 किमी की दूरी यह एक्सप्रेसवे कवर करेगा और फिर उलुबेरिया क्षेत्र में NH 19 पर यह खत्म होगा. जोकि कोलकाता के करीब ही है.