वट सावित्री की पूजा करने से बनी रहेगी शनिदेव की कृपा. जाने पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्त्व.

Sandeep Bhardwaj
May 06, 2023

हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है.

इस दिन यमराज ने सावित्री को बरगद के पेड़ के नीचे पति सत्यवान के प्राण लौटाए थे.

वट सावित्री व्रत से सुहागिन महिलाओं के पति की लम्बी उम्र होती है. परिवार में समृद्धि बढ़ती है.

कब करें पूजा

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई को रात्रि 09:42 मिनट पर शुरू होगी और 19 मई को रात्रि 09:22 मिनट पर समाप्त होगी.

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को न्याय के देवता शनि महाराज का अवतरण हुआ था.

शनि को शांत करें

जिन लोगों की कुंडली में शनि ढैय्या या शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें इस दिन वट सावित्री के साथ शनि की पूजा करनी चाहिए.

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