महात्मा विदुर के अनुसार, जिस कार्य को पूरा करने में शत्रु के आगे सिर झुकाना पड़े उस काम को कभी नहीं करना चाहिए।
महात्मा विदुर के अनुसार, ज्ञानी की परिभाषा कुछ इस तरह है कि जो व्यक्ति अपने मान-सम्मान के लिए अधिक उत्साहित न हो
जो व्यक्ति धैर्यवान हो व क्रोध न करे, ऐसा व्यक्ति गंगा जी के कुंड के जैसे ही शांत होता है. ऐसा व्यक्ति ज्ञानी होता है.
महात्मा विदुर के अनुसार बिना बुलाए अंदर न जाएं. ऐसी आदतों वाला मूर्ख होता है.
महात्मा विदुर के अनुसार बिना पूछे बीच में कभी नहीं बोलना चाहिए और ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों की भावनाएं आहत होती हों.
महात्मा विदुर के अनुसार दूसरों से घृणा करने का भाव मन में न लाएं. घृणा करने वाला व्यक्ति हमेशा ही परेशान और उलझन में रहता है.
महात्मा विदुर के अनुसार मन में शक का भाव न लाएं. ऐसा करने से जीवन में निराशा बढ़ती है. दूसरों का सम्मान करें ताकि आपको भी सम्मान मिल सके.
महात्मा विदुर के अनुसार, क्रोध और लोभ से आपको हमेशा ही दूरी रखनी चाहिए. ये एक ऐसे नर्क हैं जो जीवन में दुखों का कारण बनते हैं.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है. ऐसी सूचना और तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए ZEEUPUK उत्तरदायी नहीं है.