जन्माष्टमी का पर्व श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है , ये त्यौहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की आष्ट्मी के दिन आता है
ये त्यौहार लोग काफी धूमधाम से मानते है साथ ही व्रत भी रखते है , और श्री कृष्ण की भक्ति में डूब जाते है
माना जाता है की इस दिन व्रत और भक्ति करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हम पूजा के समय कई गलतियां कर देते है , जो हमारे पुन्य को कम कर देता है
कहा जाता है की कभी भी भगवान कृष्ण के पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए , हमेशा मुख के ही दर्शन करें , साथ इस दिन व्रत रखने पर 12 बजे से पहले व्रत न खोले इससे आपकी पूजा अधूरी होगी.
जब भी आप लड्डू गोपाल को भोग लगाएं उसके साथ हमेशा एक तुलसी का पत्ता रखे , ये श्री कृष्ण का प्रिये माना जाता है
जन्मआष्ट्मी के दिन कभी भी पेड़ पोधो को नहीं काटना चाहिए , हो सके तो आप दो पौधे लगाए इससे कृष्ण जी खुश रहते है.
जन्मआष्ट्मी के दिन आप प्याज़ और लहसुन का सेवन न करें , साथ आप इस दिन चावल भी न खाएं.
श्री कृष्ण को गाय से बहुत प्रेम था , इसलिए इस दिन आप गाय की सेवा करें.