सावन व्रत में दवा खा सकते हैं या नहीं, चाणक्य नीति में किन चीजों की मनाही?

Pooja Singh
Jul 25, 2024

सावन का महीना

सावन का महीना चल रहा है, जिसमें भगवान शिव की भक्ति में भक्त लीन हैं. ऐसे में क्या खाएं और क्या न खाएं ये सवाल हर शिव भक्त के मन में उठते हैं.

चाणक्य नीति

आज हम चाणक्य नीति में उन सात खाद्य पदार्थों का जिक्र करेंगे, जिन्हें आचार्य चाणक्य ने पवित्र बताया है. जिन्हें खाकर आप पूजा-पाठ कर सकते हैं.

शास्त्र सम्मत

इक्षुरापः पयो मूलं ताम्बूलं फलमौषधम्। भक्ष्यित्वापि कर्तव्यः स्नान दानादिकाः क्रियाः।। इसमें चाणक्य ने बीमार, भूखे लोगों के लिए शास्त्र सम्मत बातें बताई.

ये चीजें पवित्र

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शास्त्रों में जल, गन्ना, दूध, कंद, पान, फल ​​और औषधियों को अत्यंत पवित्र बताया गया है.

पूजा-पाठ

आचार्य चाणक्य कहते हैं जल, गन्ना, दूध, कंद, पान, फल ​​और औषधियों का सेवन करने के बाद भी व्यक्ति धार्मिक कार्य और अनुष्ठान कर सकता है.

कोई बाधा नहीं

आचार्य चाणक्य कहते हैं जल, गन्ना, दूध, कंद, पान, फल ​​और औषधियों के सेवन से पूजा-पाठ में किसी तरह की कोई भी बाधा नहीं आती है.

भारतीय मान्यता

आमतौर पर भारतीयों में यह मान्यता है कि स्नान, ध्यान आदि करने के बाद ही फल और औषधि का सेवन करना चाहिए.

बीमार व्यक्ति

चाणक्य कहते हैं कि बीमारी या किसी अन्य स्थिति में दूध, पानी, कंद, फल और औषधि का सेवन किया जा सकता है. इसमें कोई पाप नहीं है.

कर सकते हैं पूजा

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इन चीजों के सेवन के बाद स्नान आदि करके पूजा-पाठ और धार्मिक क्रियाकलाप करना अनुचित नहीं है.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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